
समझ नहीं आता | purpose of living
जिंदगी तो मिली, लेकिन जीने का कोई मकसद , समझ नहीं आता। दूर जा रहे हर वह लोग जो जीने क…
कुछ जीवन उपयोगी प्रश्न हैं :- 1) संकल्प क्या है?? 2)संकल्प कैसे हो विकसित?? 3)संकल्प की सार्थकता जीवन मे कैसे उतरे?? 4)हम कैसे स्थिर रहे…
और पढ़ेंअन्दर के पट खोल,Open the inside door आज के लेख को, में एक प्रश्न से प्रारम्भ करना चाहती हूं-जो यह है कि-किसी जीवन मे व्यवहार का क्या …
और पढ़ेंअवसर,opportunity सँसार सागर में जब हम अपनी उपस्थिति देते हैं,तो हम अपना भाग्य स्वयं बनाते हैं। क्योंकि ये सारा जगत एक कोरे कागज की भांति है…
और पढ़ेंबदलाब की शुरूवात,सकारात्मकता के साथ(Change started,with positivity) Life change movement यह एक कड़वा सच है कि हम अपना मूल्यवान समय दूसरों…
और पढ़ेंसादगी श्रंगार हो गई (Sadgi shrngar ho gyee) जब कोई व्यक्ति सादगी को साधता है तो,सरलता का जन्म होता है।यही सरलता इच्छाओं और आवश्यकताओं की तुलना करती ह…
और पढ़ेंखुशी पाओगे तब,खुश रहोगे जब,(Then you will be happy, when you will be happy) मन की प्रसन्न्ता से हम खुशियों को लिए भरपूर जिंदगी का अद्वती…
और पढ़ेंसंघर्ष struggle हमेशा से ही हम जीवन को श्रेष्ठ तरीके से समझ ही नहीं पाते। इसीलिए हमेशा से मन मे शिकायतें ही बनी रहती है। जबकि श…
और पढ़ेंपूर्व के पाठ्यक्रम में गुरुकुल परंपरा में अध्ययन के लिए विद्दार्थियों को गुरुकुल के शिक्षक,जब प्रकृति सबसे अच्छी औषधि है(Nature is bes…
और पढ़ेंसबसे बड़ा रोग,क्या कहेंगे लोग?(The biggest disease, what will people say?) जीवन मे जो भी अवसर नजर आते हैं, तो कुछ परिस्थितियों के अनुकूल …
और पढ़ेंआप कभी निराश न हों (you never disappoint) जीवन की दो मनोदशाएं आशा और निराशा हैं। आशा है तो हौसले हैं हौसले हैं तो उम्मीद है उम्मीद है तो…
और पढ़ेंमनुष्य रूपी देह का निर्माण माँ के गर्भ से फलता,फूलता है, जब वह आकार रूप में पूर्णता की ओर होता है तो आतुरता से जन्म लेकर इस संसार-सागर में विच…
और पढ़ेंजिंदगी तो मिली, लेकिन जीने का कोई मकसद , समझ नहीं आता। दूर जा रहे हर वह लोग जो जीने क…
मै श्रीमति माधुरी बाजपेयी, अपनी परिस्थितियों के अनुरूप भाव की अभिव्यक्ति में विश्वास करती हूं, में लेखनी में रूचि रखती हूं, मेरा जीवन अलग अलग रंगों से भरा है, इस लिए में चाहती हू, कि उन रंगों को आज की पीढ़ी को समर्पित करूं अपनी लेखनी से,मेरा बाल्य काल आध्यात्मिक सुंदरता और भी भिन्न भिन्न तरीकों से भरा पड़ा है, में भारत के मध्यप्रदेश के मण्डला शहर में निवास करती हूं,मुझे लगता है की भाव को,यदि शक्ति के जैसे उपयोग किया जाये तो जीवन में अनेक बदलाव देखने को मिलेंगे जिससे भाव मे श्रेष्ठता आएगी । और जीवन के सभी तरह के उत्थान में मदद मिलेगी ।