तेरे सद के मैं जाऊ
मेरी जान तिरंगा।
ओ मेरी शान तिरंगा।
ओ मेरी शान तिरंगा।
तुझसे ही है मेरी
पहिचान तिरंगा।
ओ मेरी शान तिरंगा
पहिचान तिरंगा।
ओ मेरी शान तिरंगा
तेरे लिए कुछ कर जाऊं
तेरा नाम अमर कर जाऊं
हैं अरमान तिरंगा।
तेरा नाम अमर कर जाऊं
हैं अरमान तिरंगा।
तेरी खातिर मैं मिट जाऊ
तुझमें लिपट के आऊ
मेरा मान तिरंगा।
तुझमें लिपट के आऊ
मेरा मान तिरंगा।
मेरी जान तिरंगा
मेरी शान तिरंगा
मेरी शान तिरंगा
आप सभी को गणतंत्र
दिवस की हार्दिक बधाई
दिवस की हार्दिक बधाई
स्वरचित मौलिक रचना
बंदना मिश्रा
देवरिया, उत्तर प्रदेश
बंदना मिश्रा
देवरिया, उत्तर प्रदेश
1 टिप्पणियाँ
वाह !बहुत सुन्दर जय हिन्द !
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