
समझ नहीं आता | purpose of living
जिंदगी तो मिली, लेकिन जीने का कोई मकसद , समझ नहीं आता। दूर जा रहे हर वह लोग जो जीने क…
जिंदगी तो मिली, लेकिन जीने का कोई मकसद , समझ नहीं आता। दूर जा रहे हर वह लोग जो जीने का सहारा था , यह समझ नहीं आता। क्या करुँ??, किसे कहूं?? …
और पढ़ेंभारतीय नव वर्ष हिंदू नववर्ष में हम सभी भारत वासीयों की मान्यता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की संरचना की थी। चैत्र माह के शुक्…
और पढ़ें" अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस" के विशेष अवसर पर एक नए तरीके से आपके सामने बहुत ही गहरी बात लिख रही हूं जो,समस्त नारियों की दिशा को बदलन…
और पढ़ेंमेरे हाथ में किताब थी और मैं इधर उधर देखे जा रही थी क्योंकि वह मेरे हाथ में किताब पकड़ा कर गायब हो चुका था या यों कहें कि वह कहीं छिप गया था,वह…
और पढ़ेंप्रिय पाठक गण जीवन में बहुत अनोखा शब्द,भाव,आशय,उद्देश्य सभी कुछ एक शब्द में समाहित है, वह है "माँ" क्योंकि "माँ" के बारे मे …
और पढ़ेंजिंदगी तो मिली, लेकिन जीने का कोई मकसद , समझ नहीं आता। दूर जा रहे हर वह लोग जो जीने क…
मै श्रीमति माधुरी बाजपेयी, अपनी परिस्थितियों के अनुरूप भाव की अभिव्यक्ति में विश्वास करती हूं, में लेखनी में रूचि रखती हूं, मेरा जीवन अलग अलग रंगों से भरा है, इस लिए में चाहती हू, कि उन रंगों को आज की पीढ़ी को समर्पित करूं अपनी लेखनी से,मेरा बाल्य काल आध्यात्मिक सुंदरता और भी भिन्न भिन्न तरीकों से भरा पड़ा है, में भारत के मध्यप्रदेश के मण्डला शहर में निवास करती हूं,मुझे लगता है की भाव को,यदि शक्ति के जैसे उपयोग किया जाये तो जीवन में अनेक बदलाव देखने को मिलेंगे जिससे भाव मे श्रेष्ठता आएगी । और जीवन के सभी तरह के उत्थान में मदद मिलेगी ।