जीवन के कुछ पन्नों ने ,
लो आकर के कुछ पढ़ा दिया।
जीवन के कुछ किस्सों ने,
लो आकर के कुछ पढ़ा दिया।
जीवन के कुछ किस्सों ने,
लो आकर के कुछ सिखा दिया...
जीवन के कुछ हिस्सों ने,
लो आकर के कुछ दिखा दिया...
लो आकर के कुछ दिखा दिया...
जन्म हुआ तब मां ने सीखा,
ममता का एक अनूठा पन्ना।
ममता का एक अनूठा पन्ना।
बच्चे की प्यारी मुस्कान ने,
सिखाया मां बनने का प्यारा सपना।
प्यारी-प्यारी,कोमल उंगली की मुट्ठी ने
भी पढ़ा दिया पापा को जिम्मेदारी का किस्सा।
दादा-दादी को भी बता दिया,
नन्हा शैतान के आने का किस्सा।
लो अब आ गया,आपके जीवन का
एक और हसीन हिस्सा।
सिखाया मां बनने का प्यारा सपना।
प्यारी-प्यारी,कोमल उंगली की मुट्ठी ने
भी पढ़ा दिया पापा को जिम्मेदारी का किस्सा।
दादा-दादी को भी बता दिया,
नन्हा शैतान के आने का किस्सा।
लो अब आ गया,आपके जीवन का
एक और हसीन हिस्सा।
जीवन के कुछ पन्नों ने ,
लो आकर के कुछ पढ़ा दिया।
जीवन के कुछ किस्सों ने,
लो आकर के कुछ सिखा दिया...
लो आकर के कुछ पढ़ा दिया।
जीवन के कुछ किस्सों ने,
लो आकर के कुछ सिखा दिया...
जीवन के कुछ हिस्सों ने,
लो आकर के कुछ दिखा दिया...
लो आकर के कुछ दिखा दिया...
जीवन एक सीख | beauty of life
पल में रूठा पल में मनाया,
ऐसा भी एक पल आया।
इन पल ने भी हम को पढ़ाया,
जीवन का एक सच्चा किस्सा।
पापा की फटकार ने,
हमको जीवन में आगे बढ़ाया।
मां के प्यार-दुलार ने,
हमको कुछ शैतान भी बनाया।
दादी की कहानियों से ,
हमने जीवन के उतार-चढ़ाव को सीखा।
दादा जी की लाठी से,
सारी दुनिया गोल है सीखा।
परिवार के प्यार और अपनापन से
सच्ची इंसानियत को भी सीखा....
ऐसा भी एक पल आया।
इन पल ने भी हम को पढ़ाया,
जीवन का एक सच्चा किस्सा।
पापा की फटकार ने,
हमको जीवन में आगे बढ़ाया।
मां के प्यार-दुलार ने,
हमको कुछ शैतान भी बनाया।
दादी की कहानियों से ,
हमने जीवन के उतार-चढ़ाव को सीखा।
दादा जी की लाठी से,
सारी दुनिया गोल है सीखा।
परिवार के प्यार और अपनापन से
सच्ची इंसानियत को भी सीखा....
जीवन के कुछ पन्नों ने ,
लो आकर के कुछ पढ़ा दिया।
जीवन के कुछ किस्सों ने,
लो आकर के कुछ सिखा दिया...
लो आकर के कुछ पढ़ा दिया।
जीवन के कुछ किस्सों ने,
लो आकर के कुछ सिखा दिया...
जीवन के कुछ हिस्सों ने,
लो आकर के कुछ दिखा दिया...
लो आकर के कुछ दिखा दिया...
लेखिका :- सुरभि जैन
21 टिप्पणियाँ
बहुत खूब ,परिवार की सारी बचपन से लेकर अभे तक की यादें ताजा हो गई,सारे सदस्यो का काम लिखा है अपने👌👌
जवाब देंहटाएंBahut sundar
हटाएंजी बहुत बहुत धन्यवाद आपका
हटाएंआभार आपका
हटाएंआपकी कविता बहुत ही बढ़िया है जिस में बच्चे ने दादा दादी की डाट में प्यार और परिवार में अपनेपन को सीखा आगे उसके जीवन के संघर्ष से क्या सीखा उस संघर्ष में क्या देखा इसपर भी लिखिए।
जवाब देंहटाएंजी लिखने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद
हटाएंGreat dear...wording is too good..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंकुछ ऐसी है ये कविता जैसे किसी परिवार को एक तार में बन दिया गया हो , बहुत प्यारा लिखा गया है !!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
हटाएंकुछ तस्वीरें बयान कर रही है ये कविता जैसे परिवार में होते है हम , मैं अछि तरह समझ पा रहा हूँ इन तस्वीरों को जो कविता में बयान की गई है , मैं अपने परिवार से दूर रहता हूं , इस कविता के लिए बहुत शुक्रिया !!
जवाब देंहटाएंमार्मिक और हृदयस्पर्शी कविता।
जवाब देंहटाएंBhut hi sundar or bhut Sara sahyog rahega aapko ham. Sab ka Aap yese hi aage badte rahte bhut bhut dhanybad Ye Kavita Dene ke liye
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंNice
जवाब देंहटाएंBeautiful yaar 👌👌
जवाब देंहटाएंBahut achi likhti ho
जवाब देंहटाएंअति उत्तम👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंNice
जवाब देंहटाएं