करुणामयी मेरी "माँ"
यह कविता समर्पित है,मेरी- "माँ पूजनीय करुणा जैन" जी के लिए,जिसे,मेने उनकी याद में बनाई है। उन्होंने हर-पल,हर-क्षण, जीवन को मेरे, सजाया है,संवारा है। लेकिन जब उनकी परवरिश को,उनके गहरे प्रेम को प्रकट करने का मोंका आया, तभी अचानक से उनका हमसे दूर जाना सदैव याद आएगा।
प्रस्तुत कविता मेरे रोम-रोम से निकली,अपने माँ के प्रति उनके आभाव में वेदना,उनकी करुणा,उनकी ममता को प्रस्तुत करती है।
आइये "एक बेटी की पुकार, अब लौट आ माँ इस बार",पर समर्पित कविता को आगे पढ़ते हैं.....
निश्छल है हृदय तेरा "माँ",
छल,कपट न मन में तेरे,
सच्चा,शुद्ध हृदय तेरा "माँ",
न कोई भाषा, तेरे लिए ,
न कोई परिभाषा "माँ",
बस एक एहसास,
बस एक चाह है "माँ",
क्या बोलूं मैं तुझे,जो तू लौट आए माँ.........
आप तो अपने में ही अनमोल हो "माँ",
बड़ी माँ, छोटी मां, मासी,मामी का भी एक स्थान है,
लेकिन आपका स्थान तो अलग ही हैं "माँ ",
पिता की छाया , भाई का प्यार , बहन का स्नेह तो हैं ही
लेकिन आपकी ममता अमूल्य है "माँ",
क्या बोलूं मे तुझे जो तू लौट आए माँ..........
लुटाया था जीवन पूरा तेरे लिए "माँ",
फिर भी तूने न सोचा मेरे लिए "माँ",
कहती थीं न जी पाऊंगी तेरे बिना,
फिर भी मैं यही और तू छोड़ चली "माँ",
धन्यवाद और माफी का भी समय न दिया तूने,
ऐसा थोड़े ही होता है "माँ",
क्या बोलूं मैं तुझे जो तू लौट आए माँ.….......
लेखिका :- सुरभि जैन
कंचन नगर कटंगी जिला जबलपुर मध्यप्रदेश,
Click here :- जरूर पढ़ें माँ प्यार बहुत अनमोल होता है।
इसे भी पढ़ें :- एक मुस्कान जीवन बदल देती है,दोस्तों माँ वह चीज है। जो अस्तित्व नया बना देती है।
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28 टिप्पणियाँ
Maa Shabd ko bayaan krna ....Aasaan nhi humare liye bs hum ise jee skte Maa ki mamta .....Miss krte hai humesha maa ❤️❤️💐💐....
जवाब देंहटाएंजी
हटाएंएक बच्चे का दर्द स्पष्ट झलकता है इस कविता में, जो असमय अपनी माँ को खो देता / देती है। Be continue... Keep it up Dost.
जवाब देंहटाएंजी
हटाएंBahut sundar 😇
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंMaa ke jagah koi ni le.sakta🙏
जवाब देंहटाएंजी बिल्कुल सही
हटाएंBahut achhi kavita h
जवाब देंहटाएंMaa k lie koi sabdh nhi, jeevan ki subse bdi kmi hote h jb maa nhi hote ...kavita to ache h magr jitna likhe utna km h maa k lie🙏🙏
जवाब देंहटाएंLove u maa😍❤️
जवाब देंहटाएंआपकी कविता मेंआपने मां का असीमित प्यार जो बो बच्चो पर लुटती है उसको अपने दिल की कलम से लिखा है ।एक मां का अपने बच्चो से प्यार और बच्चो की मां के लिए चाहत को आपने शब्दों में लिखने का सुंदर प्रयास किया है।
जवाब देंहटाएंNice line
जवाब देंहटाएंक्या कहे न कोई पूरी सकता वो कमी
जवाब देंहटाएंन मामी , न मासी, न बड़ी माँ, न छोटी माँ
न उनके जैसा कोई था, न कोई होगा।
ऐसी ही होती है माँ
That's true...
जवाब देंहटाएंआपकी कविता से मुझे कुछ ऐसा महसूस हो रहा है जैसे आप मुझसे कुछ छिपा रही हो
जवाब देंहटाएंसुरभि मुझे कुछ अहसास हो रहा है कि आप मुझसे कुछ छिपा रही हो सब कुछ ठीक है ना
जवाब देंहटाएंBahut hi pyari lines hain.👌🙏
जवाब देंहटाएंNice line di👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति माँ के लिए
जवाब देंहटाएंSurbhi ji aapki kavita se aisa lag raha hai jaise aapne mujhse kuchh chhupaya hai sab theek hai na
जवाब देंहटाएं🙏🏻👌👌👌👌
जवाब देंहटाएं🙏🙏
हटाएंNice didi bahut hi pyaari hai
जवाब देंहटाएंNice line 👌🏻
जवाब देंहटाएंNice line
जवाब देंहटाएंNice line di👌👌👍👍
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar likhi ho surbhi 🙏
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