तेरे सद के मैं जाऊ मेरी जान तिरंगा। ओ मेरी शान तिरंगा। तुझसे ही है मेरी पहिचान तिरंगा…
अचानक से आज यूँ ही ख़्याल आया कि.... अख़बार पढ़ा तो प्राणायाम छूटा, प्राणायाम किया तो अ…
मेरे जीवन की एक अद्भुत घटना जिसका भाव ,भोजन बहुमूल्य है | अन्न ब्रम्ह अस्ति | no wa…
मत रोको मुझे, बोलने दो, "मां" बहुत की हुकूमत तुझ पर ,उन सब ने, बहुत चलाए त…
करुणामयी मेरी " माँ" यह कविता समर्पित है,मेरी- "माँ पूजनीय करुणा…
हिस्सा एक समय सपना के बीएससी के एग्जाम चल रहे थे, प्रथम वर्ष की बनी दोस्त, दूसरे व…
जीवन के कुछ पन्नों ने , लो आकर के कुछ पढ़ा दिया। जीवन के कुछ किस्सों ने, लो आ…
जिंदगी तो मिली, लेकिन जीने का कोई मकसद , समझ नहीं आता। दूर जा रहे हर वह लोग जो जीने क…
भारतीय नव वर्ष हिंदू नववर्ष में हम सभी भारत वासीयों की मान्यता है कि…
" अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस" के विशेष अवसर पर एक नए तरीके से आपके सामन…
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