आइये आज हम एक अद्भुत कहानी को चार रूप से जानेंगे:-
1)धैर्य की कहानी के रूप में।
2)धैर्य का फल के रूप में |
3)धैर्य पर सुविचार के रूप मे |Is having patience a good thing? | Patience Quotes |patience quotes in hindi
4)लक्ष्य पर कहानी के रूप में।
5)लक्ष्य पाने की कहानी के रूप में।
What is an example of patience?
आइये प्रथमतः इस प्रीतिकर कहानी को पढ़ते हैं :-
एक समय की बात है, नारद जी अब स्वर्ग जा रहे हैं। और उन्होंने सोचा कुछ लोगों से पूंछता जाऊ उनके प्रश्न स्वर्ग ले जाऊं,तो अब इस उद्देश्य से उन्होंने देखा कि एक व्रद्ध सन्यासी तप कर रहा है,नारद जी ने सोचा चलते हैं,उन व्रद्ध सन्यासी से पूंछते हैं- तभी नारद जी उन व्रद्ध सन्यासी के पास गए और जाकर उन्होंने उस व्रद्ध संन्यासी से पूछा,कि हे सन्यासी में नारद हूँ और स्वर्ग लोक की यात्रा पर निकला हूँ,क्या तुम्हें ईश्वर से कुछ समाचार तो नहीं पूछना है? तो उस व्रद्ध संन्यासी ने कहा कि यदि आपका ईश्वर से मिलना हो तो थोड़ा पूछ लेना कि कितनी देर और है,प्रभु। क्योंकि मैं लगातार तीन जन्मों से साधनारत हूं।
नारद जी ने विचार किया,उसे देखा तो समझा कि वह निश्चित ही बड़ा पुरातन तपस्वी है। नारद जी ने कहा,अवश्य ही पूछ लूंगा।
नारद जी ने उस व्रद्ध सन्यासी को आश्वस्त कर आगे बढ़ गए।
उसके बाद उन्होंने,एक और सन्यासी को देखा जो ठीक व्रद्ध सन्यासी से कुछ आधा किलोमीटर दूर एक व्रक्ष के नीचे था जो नव युवक था। वह नवयुवक अपना एकतारा मस्ती में बजा रहा था। गीत तल्लीन भाव से गा रहा था।
नारद जी ने सिर्फ अनायास ही मजाक में उससे पूछा कि क्यों भाई, तुम्हें भी तो कोई बात नहीं मेरे द्वारा ईश्वर से कुछ पूंछवानी है? क्योंकि मैं जा रहा हूं स्वर्गलोक। अरे ! लेकिन वह तो अपना गीत ही गाता रहा। उस नव युवक ने तो नारद की तरफ आंख उठा कर भी न देखा।
What are the qualities of patience?
What are benefits of patience?
नारद जी ने उसको हिलाया पूंछा अरे कुछ बोलो भी,तो उसने कहा कि "नहीं",निश्चित ही उसकी कृपा अपरंपार है। जो चाहिए, वह मुझे हमेशा मिला ही हुआ है। अब तो कुछ पूछना ही नहीं है। मेरी तरफ से उसे कोई परेशानी मत देना। सुन लीजिये आप ईश्वर के सामने मेरी बात ही मत उठाना, मैं सभी से बहुत राजी हूं। और सभी कुछ मिला हुआ है। बन सके तो मेरी तरफ से और धन्यवाद दे देना।
एक नई आनन्द दायक घटना घटी जा रही है ,पाठकगण ध्यान दीजिए।
अब नारद जी स्वर्ग लोक गए,और पुनः प्रश्नों के उत्तरों के साथ पृथ्वी लोक पधारे।
फिर नारद जी ने उस व्रद्ध संन्यासी को जाकर कहा कि क्षमा करना जी ! मैंने पूछा था वह, जो आपने कहा,तब ईश्वर ने कहा कि वह बूढ़ा संन्यासी जिस वृक्ष के नीचे बैठा है, उसमें जितने पत्ते हैं, उतने ही जन्म अभी और लगेंगे।
अब तो देखिए उस व्रद्ध की प्रतिक्रिया
व्रद्ध तो बहुत ही नाराज,क्रोध,हताशा,निराशा में हो गया। वह जो हाथ मे पुस्तक रख कर पढ़ रहा था, उसे तुरंत फेंक दी,जिस माला को हाथ मे रखकर ईश्वर का नाम ले रहा था उसे तोड़ दी, गुस्से में चिल्लाया कहा कि,अब तो हद हो ही गयी। यह तो अन्याय है। यह कैसा न्याय है? तीन जन्म से तप कर रहा हूं, कष्ट पा रहा हूं,उपवास कर रहा हूं,अभी और इतने दिन? यह तो हो ही नहीं सकता।इस जानकारी को देने के तुरंत बाद नारद जी ने उस युवक के पास भी जाकर , कहा कि मैंने पूछा था, तुमने तो नहीं चाहा था, फिर भी मैंने पूछा था। उन्होंने कहा कि वह जिस वृक्ष के नीचे बैठा है, उसमें जितने पत्ते हैं, उतने ही जन्म अभी और लगेंगे।
वह युवक तत्क्षण उठा, अपना एकतारा लेकर नाचने लगा और उसने कहा-वाह जी वाह गजब हो गया। मेरी इतनी पात्रता कहां से हो गई ? इतने जल्दी मिलन होगा ? जमीन पर कितने ही वृक्ष होंगें! उन वृक्षों में कितने ही पत्ते हैं! सिर्फ इस वृक्ष के पत्ते? इतने से ही जन्मों में ईश्वर मिलन हो जाएगा? यह तो बहुत जल्दी हो गया, यह तो मेरी पात्रता से मुझे बहुत ज्यादा देना है।
हे ईश्वर! इसको मैं कैसे झेल पाऊंगा? इस अनुग्रह को मैं कैसे प्रकट कर पाऊंगा? वह नाचने लगा,झूमने लगा खुशी में। और यह अद्भुत कहानी कहती है,कि वह उसी तरह नाचते-झूमते समाधि को उपलब्ध हो गया। उसका शरीर टूट गया। जो अनंत जन्मों में होने को था, वह उसी क्षण हो गया। जिसकी इतनी गहरी और बृहद प्रतीक्षा हो, उस क्षण ईश्वर मिलन/लक्ष्य प्राप्ति हो ही जाएगी।
1)धैर्य की कहानी के रूप में:-
जब धैर्य घटित होता है तो कहानी में युवक कितना ईश्वर के प्रति गहन भाव से भर जाता है,मानो उसे लक्ष्य की कीमत कम चुकानी पड़ी,लेकिन विश्वास इतना गहरा है कि लक्ष्य युवक के पास आ गया,और बहुत जन्म न लेकर इसी जन्म में वह ईश्वर का सम्पूर्ण अंश हो गया।
लेकिन कुछ दूरी पर एक व्रद्ध ने अधीर हो,जीवन को निराशाओं,हताशाओं से भर लिया,और स्वयम के जीवन को कठिन कर लिया।
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2)धैर्य का फल के रूप में |Patience Quotes :-
राह जब पता हो, तो राही विश्वास से भरा होता है,
आज नहीं तो कल लक्ष्य उसे मिलेगा,
ऐंसा पता उसको होता है।
कहानी अनुसार नारद जी भी एक क्षण आश्चर्य में पड़ गए होंगे,यह उत्साह देखकर,वाह युवक कितनी गहरी आंख रही होगी उस युवक की। लक्ष्य को ही उसके पास आना पड़ा,उसी क्षण,जन्मों जन्मों में ,गहन तप में,भी जो सम्भव शायद हो। वह उस युवक को सहज ही मिल गया। इसलिए उसके धैर्य का फल बहुत मीठा होगा,जिसका विवरण वह भी न दे पाएगा,वह भी गूंगे का गुड़ जैसा हो गया होगा।
3)धैर्य पर सुविचार के रूप मे |Is having patience a good thing? | Patience Quotes :-
"धैर्य है तो मंज़िल करीब,
धैर्य है तो विश्वास की डगर मजबूत है।
व्यर्थ समय गवांए,व्यर्थ चिंता में डूबे
धैर्य के साथ एक हो जाएं,
क्योंकि सम्पूर्ण दुनिया का सबसे बड़ा साहस धैर्य ही है।
Patience Quotes |patience quotes in hindi
खुद से कभी प्रश्न जरूर करें क्या यह साहस है आपके पास मुझे comment कर जरूर बताएं ।।
4)लक्ष्य पर कहानी के रूप में
5)लक्ष्य पाने की कहानी के रूप में।
नारद जी ने युवक को गीत गाता देखा,तो निश्चित ही खुशी से उत्साहित हो गए होंगे।
वह युवक नहीं चाह रहा था कि उससे कोई बात की जाए,फिर भी नारद जी ने उससे पुनः-पुनः पूंछा लेकिन लक्ष्य उसका पक्का,विश्वास उसका सच्चा था, उसने साफ कह दिया कि मेरे तरफ से ईश्वर को धन्यवाद देना,मुझे उसने सब कुछ दिया है।युवक अद्भुत रहा होगा,क्योंकि उसकी निगाहें केवल लक्ष्य पर टिकी जो थीं।
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2 टिप्पणियाँ
बहुत बढ़िया लेखनी है | लेखिका बड़े सहज और रचनात्मक तरीके से बात को रखा है |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जीवन की सर्वोत्तम प्रतिभा का दर्शन हो,चाहे जीवन का सुखपूर्वक निर्माण, धैर्य के बिना सम्भव नहीं है।
जवाब देंहटाएंमें बहुत आभारी हूँ ,संजय गोस्वामी जी आपकी,जो आपने सहजता से लेख पढ़ें।और मुझे और मेरी रचनात्मकता पर, आपने 2 शब्द लिखे।