धनतेरस में झाड़ू का महत्व | How to use broom in Dhanteras

          भारतीय ज्योतिष में पंचांग के अनुसार - कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ति​​थि को धनतेरस का यह उत्सव मनाया है। धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में ही श्रेष्ठ मानी जाती है, प्रदोष काल सूर्यास्त से बाद और रात्रि से पहले का समय काल होता है। Importance of broom in Dhanteras

धनतेरस में झाड़ू का महत्व | How to use broom in Dhanteras

कुछ महत्वपूर्ण उल्लेख

जीवन को अकाल मृत्यु से बचाने हेतु  यमराज के लिए दीपक

           अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस के दिन प्रदोष काल में घर के बाहर यमराज के लिए एक दीपक जलाया जाता है। इसे यम दीपम या यम का दीपक भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और वे उस परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से रक्षा करते हैं।

पुराणों में उल्लेख :-

            मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को माता लक्ष्मी का रूप माना गया है। ऐसा माना गया है कि धनतेरस पर झाड़ू लाने से घर से दरिद्रता दूर होती है। इस दिन घर में नई झाड़ू के आने से कर्ज मुक्ति में भी मदद मिलती है।

द्रौपदी का विवाह भी हुआ था, झाड़ू की मदद से 

            भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में झाड़ू से अर्जुन-द्रौपदी के विवाह होने, दुर्बलता से शक्ति प्राप्त करने और धनवान होने की कहानी को बताया है। ऐसा कहा जाता है कि द्रौपदी का विवाह अर्जुन से नहीं हो पा रहा था और उस समय एक टोटका किया गया और घर में झाड़ू से झाड़ लगायी गई थी। माना जाता है कि इसके बाद ही द्रौपदी और अर्जुन का विवाह हो पाया था।

अगर घर में यदि कोई छोटा बच्चा अचानक झाड़ू लगाने लगे तो घर में अनचाहे मेहमान आने के योग बनते हैं। 

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वास्तुशास्त्र के अनुसार :-

             वास्तु के अनुसार, विपरीत परिस्थितियों को छोड़ कभी भी घर में दो बार झाड़ू लगाने से बचना चाहिए। वास्तु कहता है कि एक बार के झाड़ू से ही घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है। वहीं जब हम दूसरी बार झाड़ू लगाते हैं तो सकारात्मक ऊर्जा  भी बाहर निकल जाती है। इसीलिए घर में दो बार झाड़ू लगाने से बचना चाहिए।

इस दिशा में ना रखें झाड़ू

झाड़ू और कूड़ेदान को कभी भी ईशान कोण यानी की उत्तर-पूर्वी कोने में ना रखें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। साथ ही घर में बरकत नहीं हो पाती है।

शनिवार के करें यह प्रयोग

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जहां अनाज और खाने कासामान रखा हो, वहां कभी झाड़ू नहीं रखनी चाहिए,कहा जाता है ऐसा करने से परिवार में हानि होने लगती है। वहीं शनिवार के दिन नई झाड़ू का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। इस दिन ही पुरानी झाड़ू को बदलना चाहिए।ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां से झाड़ू हमें, घर या बाहर के किसी भी सदस्यों को दिखाई नहीं दें। 

यह बात हमेशा ध्यान रखने योग्य है कि झाड़ू को कभी भी घर से बाहर अथवा छत पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में चोरी की वारदात होने का भय उत्पन्न होता है। 
      
       झाड़ू को सूरज छिपने के बाद प्रयोग नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से लक्ष्मी घर से चली जाती हैं।
अगर गंदगी हो गई है तो कपड़े से उस स्थान को साफ कर दें। कूड़ा भी बाहर नहीं फेंकना चाहिए। 

       झाड़ू पर पैर न मारें:- धनतेरस के दिन झाडू खरीदकर लायें । इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिये कि कभी भी झाडू पर पैर नहीं पड़ना चाहिये. झाडू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है ऐसा करने पर मां नाराज हो जाती हैं।

       इस दिन झाड़ू न खरीदें:- मंगलवार, शनिवार और रविवार को कभी भी झाड़ू नहीं खरीदना चाहिये. ऐसा करने से आपके घर में कलह का वातावरण बन सकता है.

       एक साथ तीन झाड़ू:- आपने हमेशा अपने बड़ों के मुंह से यह करते सुना होगा कि कभी भी कोई चीज तीन नहीं खरीदनी चाहिये. यहां तक कि कोई भी चीज कभी तीन लेकर भी नहीं बैठनी चाहिये. लेकिन धनतेरस वाले दिन यह कोशिश करनी चाहिए कि झाडू हमेशा तीन से सेट में ही खरीदें कभी भी दो या चार के सेट में ना खरीदें.

       झाड़ू ढककर रखें: झाड़ू को हमेशा ढककर रखें. अगर आप झाड़ू को खुले में कहीं भी उठाकर रख देते हैं तो याद रखें कि यह आपके घर में कलह की बड़ी वजह तक बन सकता है. इससे परिवार के कई लोगों में मनमुटाव या झगड़े तक की नौबत आ जाती है.

        मंदिर में झाड़ू दान: झाडू से जुड़ी एक और भी मान्यता है कि दिवाली वाले दिन झाडू मंदिर में दान में देने से मां की कृपा होती है । लेकिन, यह भी ध्यान रखें के दिवाली के दिन सूर्योदय से पहले ही झाडू मंदिर में दान करें। लेकिन, आपको इस सभी बातों के साथ एक और बात का भी ध्यान रखना होगा वह है कि आपको धनतेरस से पहले से झाडू खरीद लेनी होगी।


        झाड़ू को हमेशा साफ रखें और उसे गीला ना छोड़ें अथवा पुरानी हो चुकी झाड़ू को कभी भी घर के बाहर बिखराकर ना फेंके और ना ही इसको जलाएं। इससे घर का वास्तु खराब हो जाता है, घर की सुख-शांति चली जाती है और नकारात्मक ऊर्जाओं का वास हो जाता है। पुरानी हो चुकी झाड़ू को किसी एकांत जगह पर या जमीन के नीचे दबा देना चाहिए। 

        अगर घर-परिवार के लोग शुभ कार्य से बाहर जा रहे हों तो उनके जाने के बाद झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। मान्यतानुसार, ऐसा करने से बाहर गए व्यक्ति को असफलता देखनी पड़ती है।


        इस तरह झाड़ू कीमती है चाहे हो सफाई या कोई प्रयोग चाहे हो घर में उसका,रखरखाव और यदि झाड़ू की उचित व्यवस्था का ध्यान रखा तो मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है,और जीवन सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।

धनतेरस में झाड़ू जरूर खरीदिये

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