प्रिय पाठक गण जीवन में बहुत अनोखा शब्द,भाव,आशय,उद्देश्य सभी कुछ एक शब्द में समाहित है, वह है "माँ" क्योंकि "माँ" के बारे मे जितना लिखें कम हैं।
सारी दुनिया में एक माँ ही है जो अपने बच्चो को बिना मतलब के प्यार करती हैं।
अपनी माँ के बारे मे लिखने की,मेरी एक छोटी सी कोशिश है, आशा करती हूँ आप सभी को पसंद आएगी।
तो आइए माँ के ऊपर रचित की गई इस कविता से खुद को जोड़ते हैं। अपनी माँ पर समर्पित हो,आगे अब बड़े ही गहराई से कविता पढ़ते हैं।माँ के लिए दुआ शायरी |माँ का प्रेम | maa quotes in hindi| maa par 2 lines shayari in hindi |mother's day |
{ माँ }
जन्म देके मुझे इस दुनिया में
बहुत उपकार किया है तुमने "माँ"
जब कोई समझ नहीं पाता था
तब तुमने मुझे समझा है "माँ"
एक छोटी सी जान को
अपने अंदर रख कर
उसे अपने खून से सींचा हैं तुमने "माँ"
अपनी जान दाँव पर लगाके
मुझे जन्म दिया है तुमने "माँ"
पहली बार जब मेनें माँ कहा था
सारी दुनिया की ख़ुशी पायी थी तुमने "माँ"
जन्म देके मुझे इस दुनिया में
बहुत उपकार किया है तुमने "माँ"
अपनी जरूरतों को कम करके
मेरी सारी जरुरत पूरी की है तुमने "माँ"
मेरे ना बोलने पे भी
मेरी सारी तकलिफ समझी है तुमने "माँ"
मेरी नादानिंयो पे
कभी गुस्सा भी हो जाती हो,
पर मुझे प्यार से सब समझाया भी है तुमने "माँ"
जन्म देके मुझे इस दुनिया में
बहोत उपकार किया है तुमने "माँ"
एक दुनिया हैं जो
समझाने पे नहीं समझती,
मेरे बिन बोले सब कुछ समझा है तुमने "माँ"
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तेरे होने से
में खुद को पूर्ण मानती हूँ
मुझे इस दुनिया में
संपूर्ण किया है तुमने "माँ"
मेरी हर अँधियारी गलियो मे
उजाला किया है तुमने "माँ"
जन्म देके मुझे,
इस दुनिया में बहुत उपकार किया है तुमने "माँ"
जब मन डग मगाया कही पे मेरा
उसे आके समझाया हैं तुमने "माँ"
उपकार किया है तुमने "माँ"
लेखिका :- सीमा पांडे
कविता क्रमांक 2
मां तुम प्रथम बनी गुरु मेरी
तुम बिन जीवन ही क्या होता
सूखा मरुथल, रात घनेरी
प्रथम निवाला हाथ तुम्हारे
पहली निंदिया छाँव तुम्हारे
पहला पग भी उंगली थामे
चला भूमि पर उसी सहारे
बिन मां के है सब जग सूना
जैसे गुरु बिन राह अंधेरी
जिह्वा पर भी प्रथम मंत्र का
उच्चारण तो मां ही होता
शिशु हो, युवा, वृद्ध हो चाहे
दुख में मां की सिसकी रोता…
लेखिका :- श्रीमति माधुरी बाजपेयी
कविता क्रमांक 3
आप खुश हो तो मुझे ख़ुशी मिलती है !
जैसे मरुस्थल में नदी मिलती है !!
आपकी ख़ुशी मेरा मनोबल बढाती है !
आपकी ख़ुशी मंजिल पाने की चाह जगाती है !!
आपकी मुस्कान दुःख मे सुख का आभास करवाती है !!
आपकी ख़ुशी जीत की राह दिखलाती है !!
आपका मुस्कुराकर शुभकामनायें देना !
जैसे ईश्वर का मेरी सफलता सुनिश्चित कर देना !!
आपका मुस्कुराना निराशा में आशा जगाता है !
आपका मुस्कुराना जीवन जीने का उद्देश्य बताता है !!
जब आपकी आखों में ख़ुशी की चमक आती है !
चाँद और सूरज की रौशनी को फीका कर जाती है !!
आपकी मुस्कान मेरे प्राण है !
आपकी मुस्कान मेरी सफलता का सम्मान है !!
आपकी मुस्कान मेरे जीवन का ध्येय है !
आपकी मुस्कान मेरी समस्याओं का समाधान है !!
आपकी मुस्कान तपती दुपहरी में ठंडी छाँव का का अहसास है !!
आपकी मुस्कान कस्तूरी महक का आभास है !
आपकी मुस्कुराहट मृत्यु के बाद का जीवन दान है !!
इसलिए माँ की मुस्कान में ही मेरा भगवान है.......!!
लेखक :- हितेश शुक्ला
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कविता क्रमांक 4
हजारों गम होते हैं,फिर भी
में ख़ुशी से फूल जाता हूँ,
जब हसती है,मेरी माँ तो
में हर गम भूल जाता हूँ।
माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाये,
जिसको निगहों में बिठाया जाये,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,
वो अगर उदास हो तो
हमसे भी मुस्कुराया ना जाये।
या मँहगा हो के सस्ता हो,
ये माँ का सर है इस पे हर दुपट्टा मुस्कुराता है।
घर में धन, दौलत, हीरे, जवाहरात सब आए,
लेकिन जब घर में मां आई, तब खुशियां आई।
बहुत बेचैन हो जाता है,
जब कभी दिल मेरा,
मैं अपने पर्स में रखी माँ की तस्वीर को देख लेता हूँ।
मां तुम्हारे पास आता हूं
तो सांसें धीमी और गहरी हो जाती हैं,
प्रेम इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती हैं।
एक समय एक घटना हुई,
मेरी मां नहीं सोई
कारण यह था कि, मैंने एक बार कहा था
कि मुझे डर लगता है।
हर रिश्ते में मिलावट देखी है,
कच्चे रंगो की सजावट देखी है,
लेकिन सालों साल देखा है, माँ को
शहर में आ कर पढ़ने वाले ये भूल गए,
किस की माँ ने कितना ज़ेवर बेचा था।
मेरे चहेरे की वास्तविकता
ये दुनिया कहाँ जानती है,
में कल रात परेशान था
ये बात सिर्फ मेरी माँ जानती है।
घुंटनो से रेंगते – रेंगते
जब अपने पैरो पर खड़ा हुआ
माँ तेरी ममता की छाँव में
जाने में कब बड़ा हुआ।
बड़ी इबादत से पूछा था मैने
ईश्वर से स्वर्ग का पता
तो अपनी गोद से उतारकर
खुदा ने माँ की बाहों में सुला दिया।
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[माँ तुम्हारी मुस्कान है,तो जान है
तेरी उपस्थिति से ही तो मेरी पहचान है।]
---------लेखक :- madhuribajpai.com समूह-----
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1 टिप्पणियाँ
खुदा देखा, चाँद देखा,
जवाब देंहटाएंन जाने मैने क्या क्या देखा,
पर इस दुनिया में,
माँ से खूबसूरत कुछ नही देखा।