योग से दूरी का रहस्य
आइये आज का यह लेख कुछ प्रश्नों के साथ प्रस्तूत करते हैं:-
1):- योग के क्षेत्र में लोगों के जीवन में विकर्षण प्रस्तुत हो रहा है क्यों?
2):- क्यों चारों तरफ से जब योग दिवस की बात की जाती है,और योग के क्षेत्र में बहुत काम होता है। लेकिन फिर भी योग के क्षेत्र को कुछ खास आसनों, मुद्राओं और प्राणायामो में सीमित कर दिया जाता है।
3):- योग के बदले व्यक्ति जिम या फिर अन्य तकनीक को ज्यादा स्वीकार करता है। आखिर क्यों हम भारतीय प्रेरित नहीं हो रहे हैं,योग से।
4):-इस प्रकार योग का क्षेत्र एक विस्तृत ना होकर संकुचित होते जा रहा है, चाहे सरकारी पद मैं प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा हो अथवा विद्दालय ,महाविद्यालय, विश्वविद्यालय या फिर अन्य संस्थाओं के पाठ्यक्रम के द्वारा हो या फिर अप्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा हो। योग के क्षेत्र में प्रयोग की और गहरी खोज की संभावनाएं भी कभी भी इन संस्थाओं के द्वारा स्वतंत्र रूप से उठायी ही नहीं जाती। क्यों
आइये सबसे पहले योग के विषय में जानते हैं कि कैसे कोई विद्दार्थी,योग के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकता है:-
योग के कुछ खास कोर्स का संक्षिप्त विवरण
करें ये कोर्स :-
1. योग में बीएससी (BSc Yoga) – 12वीं के बाद योग को करियर के तौर पर लेने के लिए ग्रेजुएशन कोर्स के तौर पर बीएससी योग कर सकते हैं। यह 3 साल का डिप्लोमा कोर्स है।इसमें योग विज्ञान, शरीर की रचना, शरीर और मन पर योग के प्रभाव के बारे में विस्तार से बढ़ाया जाता है।
2. योग में डिप्लोमा (Diploma in Yoga)- योग में अच्छा करियर बनाने के लिए डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। यह एक शॉर्ट टर्म कोर्स है। इसे 12वीं के बाद कर सकते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ जैसी चीजें इस कोर्स में सीख सकते हैं।
3. योग में एमएससी (MSc Yoga)- योग के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए ग्रेजुएशन के बाद एमएससी योग कोर्स कर सकते हैं। इस में दाखिला लेने वाले छात्रों को एनाटॉमी,फिजियोलॉजी,उपनिषद,योग थेरेपी और योग सूत्रों जैसी चीजें पढ़ाते हैं। इसके अलावा वेद और प्राचीन पाठ जैसे भगवत गीता को भी सीखने का मौका मिलता है। यह दो साल का कोर्स होता है।
4. सर्टिफिकेट कोर्स- योग के क्षेत्र में कई तरह के शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स भी उपलब्ध हैं। यह कोर्स किसी भी उम्र में किये जा सकती हैं। यह कोर्स घंटे के हिसाब से पेश किए जाते हैं। इसमें मुख्यत: 200 घंटे, 300 घंटे 500 घंटे के कोर्स होते हैं, जो टीचर ट्रेनिंग के लिए कराए जाते हैं।
5- योग में बीए- योग के क्षेत्र में बीए कोर्स को एकेडमिक रूप से लिया जा सकता है। इसमें आयुर्वेद की मूल बातों से लेकर इतिहास में योग के महत्व के बारे में पढ़ाया जाता है। यह कोर्स 3 साल का होता है.
6- MA Yoga- योग के क्षेत्र में अधिक जानकारी के लिए छात्र एमए योग कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स भी 2 साल का होता है जिसमें छात्रों को योग के बारे में गहन जानकारी हासिल हो सकती है। इसके बाद रिसर्च और डेवलपमेंट की पढ़ाई कर सकते हैं।
7- पीजी डिप्लोमा कोर्स- योग विज्ञान के क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा कोर्स भी काफी प्रचलन में है। इसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स में छात्रों को योग विज्ञान का गहन अध्ययन कराया जाता है।
8- योग टीचर ट्रेनिंग कोर्स (Yoga TTC)- योग के ट्रेनर की मांग इन दिनों काफी ज्यादा है। ऐसे में योग टीचर ट्रेनिंग कोर्स करके अच्छी नौकरी हासिल कर सकते हैं। योग शिक्षक बनने का एक लाभ यह भी है कि योग की class's ज्यादातर सुबह या शाम को ही होती हैं. ऐसे में आपके पास बीच का पूरा दिन होता है, जिसमें आप कुछ नया सीख सकते हैं या कोई दूसरा काम भी कर सकते हैं।
9. योग में बीएड- ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद बीएड योग कोर्स करके टीचिंग के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। इस कोर्स के लिए आपको एक अच्छा वक्ता भी होना बहुत जरुरी है, ताकि वह लोगो को अपनी बात अच्छी तरह से समझा सकें।
यहां से कर सकते हैं योग के क्षेत्र में प्रवेशित होने हेतु विभिन्न कोर्स
-मोरारजी देसाई नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ योग,दिल्ली (ग्रेजुएट करने के बाद यहां से 3 साल का बी.एससी योगा साइंस, 1 साल का डिप्लोमा और कुछ पार्ट टाइम योग के कोर्स किए जा सकते हैं।)
-देव संस्कृति विश्वविद्यालय,हरिद्वार,उत्तराखंड (यहां से आप योग मे बी.एससी से लेकर पी.एचडी तक के कोर्स कर सकते हैं)
-बिहार योग भारती, मुंगेर (यहां से 4 महीने और 1 साल का कोर्स कर सकते हैं)।
-भारतीय विद्या भवन, दिल्ली (यहां से आप 6 महीने से लेकर 1 साल तक का कोर्स कर सकते हैं)।
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ योगा एंड नेचुरोपैथी, नई
-ईशा हठ योग स्कूल, कोयंबटूर।
-पतंजलि इंटरनेशनल योग फाउंडेशन ऋषिकेश, उत्तराखंड।
-कैवल्यधाम लोनावाला, महाराष्ट्र।
-विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, विवेकानंदपुरम, कन्याकुमारी।
-महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक।
-राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश।
-श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
-योग संस्थान सांताक्रूज, मुंबई
-श्री श्री योग विद्यालय, उदयपुरा, कर्नाटक
-बिहार योग विद्यालय, बिहार
अब जाने कैसे योग के क्षेत्र में लोग भविष्य में खुद अपने पैर पर खड़े हो सकते हैं:-
कैसे बने,योग अध्यापक ?
योग टीचर (teacher) बनने के लिए लगभग सभी यूनिवर्सिटी (University) के द्वारा बीपीएड (Bachelor of Physical Education) के कोर्स (college) को संचालित किया जाता है। इस कोर्स (college)को करने के लिए मान्यता, संबंधित कॉलेज (college) को दी जाती है । ऐसे छात्र जिनको बीपीएड (Bachelor of Physical Education) करना है संबंधित कॉलेज (college) में प्रवेश ले सकते हैं ।
प्रवेश कैसे लें ?
सभी यूनिवर्सिटी (University) बीपीएड में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा संचालित करती है।आप प्रवेश परीक्षा में भाग लेकर अपना दाखिला करा सकते हैं।यदि आपने प्रवेश परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त किए हैं,तो आपको इस कोर्स (college) को करने के लिए सरकारी कॉलेज (college) मिल सकता है । परंतु अगर आपने ज्यादा अच्छे अंक नहीं प्राप्त किए हैं , तो आपको गैर सरकारी कॉलेज (college) में प्रवेश लेना होगा ।
B.PEd करने के लिए क्या योग्यता है ?
बीपीएड (Bachelor of Physical Education) में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवार को किसी भी विषय में 50 % अंकों से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है । एवं 45 % अंकों से एक विषय में शारीरिक शिक्षा में स्नातक उत्तीर्ण होना आवश्यक है ।
योग अध्यापक के लिए कब और कहां से आवेदन करें ? समय - समय पर सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में एवं योग शिक्षण संस्था में गेम टीचर (game teacher) और योग टीचर (yoga teacher) के लिए आवेदन निकाले जाते हैं । आप इन सभी संस्थाओं और महाविद्यालयों (colleges) में आवेदन कर सकते हैं ।
अब जाने किन पदों में इन कोर्सो को करने के बाद हमारी पदस्थापना हो सकती है ??
योग प्रशिक्षक,
योग चिकित्सक,
योग सलाहकार,
योग विशेषज्ञ,
योग प्रैक्टिशनर,
योग शिक्षक,
अनुसंधान अधिकारी,
योग और प्राकृतिक चिकित्सा,
योग एरोबिक प्रशिक्षक,
क्या होते हैं,योग अध्यापक के कुछ कार्य क्षेत्र:-
योग सलाहकार,
प्रकाशन अधिकारी (योग),
योग प्रबंधक,
योग स्वास्थ्य केंद्र,
स्पा.
रिसॉर्ट्स,
बीपीओ
सरकारी अस्पताल
औषधालय
वेतन इत्यादि
कितना योग अध्यापक कमा सकते हैं इन पदों में रहकर :-
30 से 40 हजार प्रति माह
हम ऊपर जान चुके हैं कि वर्तमान में योग के भिन्न-भिन्न पद हैं,विद्यालयों में,महाविद्यालयों में विश्वविद्यालयों में,भारत की और भी सरकारी व गैरसरकारी संस्थाओं में,योग के पद हैं, भारतीय आयुष मंत्रालय भी योग को महत्व देता है।
पहले तो खेल विभाग में योग के ये पद छुपे हुए थे,लेकिन अब भारत की बहुत सी संस्थाओं द्वारा, योग के अलग से शिक्षक रखे जाने लगे हैं। इसके बाद भी अब तो संभावना ही नहीं होना था, कि योग को कोई सीमा में बांधा जाए लेकिन किसी भी क्षेत्र की बात की जाए तो वह क्षेत्र तब तक,नया,उपयोगी,और जनमानस का प्रिय होता है।
जब तक उसमें कुछ न कुछ अनुसंधान होते रहते हैं,हम सभी की जानकारी हेतु, में यह लिख दूं कि भारत मे अधिकतर आज भी योग के क्षेत्र की विशेष प्राथमिकता,अनुसंधान हेतु वातावरण तैयार करना नहीं है। बस इसी कारण से योग के क्षेत्र से लोगों का जीवन अभी भी दूर है यह केवल स्वास्थ्य लाभ तक ही सीमित हो गया है। और अभी भी युवाओं की पसंद जिम या अन्य तकनीक से शरीर को तंदुरुस्त करना है। पर योग से नहीं।
इस लेख को पढ़ने के बाद आप क्या विचार करते हैं,अपने अनुभव पर comment शीघ्रता से कीजियेगा
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