आइये मुस्कुराइए,इस गहरे राज को अपनाइए | भोर की मुस्कान | morning smile | Let's smile, embrace this dark secret

     अक्सर वे पुरुष/स्त्रियां जिनके पास कुछ भी करने को न हो,सारी जरूरतें,समय पर पूरी हो जाएं,बिना श्रम के हर कार्य हो जाये,उनकी योग्यता को विकसित ही न होने दिया जाए,उन्हें संघर्ष से हमेशा दूर रखा जाए,ऐंसी स्त्रियाँ/ पुरुष एक उम्र के पड़ाव में पहुंचते पहुंचते मनोचिकित्सक तक पहुंच ही जाती हैं। ये वे स्त्री/पुरुष होते हैं, जो ऊंची व नीची परिस्थितियों से सदा दूर होकर,अहंकार को अपना गहना बना कर ही रखते हैं,क्योंकि अहंकार का चरम हिंसा में बदलेगा और अंततः यही गहना उन्हें मनो चिकित्सक तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त होता है। आइये मुस्कुराइए, इस गहरे राज को अपनाइए एक कहानी से लेखन को पूर्णता प्रदान करती हूं।

   राजघराने जैसे माहौल में पली,बढ़ी और विवाहित हुई नयना देवी बहुत दुखी थी,उसको बार-बार यह महसूस होता था कि उसको मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये,तभी उसने निर्णय लिया,और मनोचिकित्सक के घर वाले अस्पताल में पहुंची। नयना देवी बहुत महँगे कपड़ों में अपने मनोचिकित्सक के पास गई और बोली- "डॉ. साहब सुनिए।

डॉ साहब ने नयना देवी की ओर देखा और बोला --' जी कहिये???'

नयना देवी ने उत्तर दिया -- "बड़ी मुश्किल हुई डॉक्टर साहब मुझे लगता है कि मेरा पूरा जीवन अब बेकार है,उसका कोई अर्थ है ही नहीं। 

क्या आप मेरी खुशियाँ ढूँढने में मेरी मदद करेंगें?"

मनोचिकित्सक दूरदर्शी रहा होगा, उसने तुरंत एक व्रद्ध स्त्री को बुलाया, 

डॉक्टर ने कहा - 'सलिला बाई यहां आओ।'

तुरन्त सलिला बाई डॉक्टर के सामने उपस्थित हुई और बोलने लगी--'क्या हुआ डॉक्टर साहब????'

यह सलिला बाई डॉक्टर के घर की साफ़-सफाई का काम करती थी।

डॉक्टर कहता है कि :-  मैं इस सलिला बाई से तुम्हें यह बताने के लिए कहूँगा कि कैसे उसने अपने जीवन में खुशियाँ ढूँढीं। मैं चाहता हूँ कि आप उसे विशेष ध्यान से सुनें।"

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    तब सलिला बाई ने अपना झाड़ू नीचे रखा, कुर्सी पर बैठ गई और बताने लगी - "मेरे पति के शरीर मे अत्यधिक ताप बढ़ जाने से मृत्यु हो गई और उसके 3 महीने बाद ही मेरे बेटे की भी सड़क हादसे में मौत हो गई। मेरे पास कोई नहीं था। 

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अब मेरे जीवन में कुछ नहीं बचा था। 
इतना ही नही उस समय मैं सो नहीं पाती थी, खा भी नहीं पाती थी, 
अन्तोगत्वा मैंने मुस्कुराना बंद कर दिया था।"

    फिर मेने सोचा कि अब जीवन किस काम का मैं स्वयं के जीवन को समाप्त करने की बहुत से उपाय सोचने लगी थी। तभी एक दिन सम्भवतः रात का समय रहा होगा,तभी में देखती हूं कि एक छोटा सा बिल्ली का बच्चा मेरे पीछे लग गया, मैं काम से घर आ रही थी। बाहर बहुत ठंड थी,इसलिए मैंने उस बच्चे को अंदर आने दिया। उस बिल्ली के बच्चे के लिए थोड़े से दूध की व्यवस्था की और वह सारी प्लेट सफाचट कर गया। फिर वह मेरे पैरों से लिपट गया और चाटने लगा।

   "बिल्ली के बच्चे की इस स्नेहमय क्रिया को देख , में उस दिन बहुत महीनों के बाद मुस्कुराई थी। तब मैंने सोचा यदि इस बिल्ली के बच्चे की सहायता करने से मुझे ख़ुशी मिल सकती है, तो निश्चित ही, हो सकता है कि दूसरों के लिए कुछ करके मुझे और भी ख़ुशी मिले। इसलिए अगले दिन मैं अपने पड़ोसी, जो कि बीमार था,उसके लिए कुछ सामान्य खिचड़ी बना कर ले गई।"

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"अब तो हर दिन मैं कुछ नया और कुछ ऐसा करती थी, 
जिससे दूसरों को ख़ुशी मिले और 
उनकी खुशी को देख कर मुझे अत्यंत ही ख़ुशी मिलती थी।"

"धीरे -धीरे मेरे जीवन का यह अनमोल क्षण होते जा रहा था ,क्योंकि मुझे लगता था कि आज मैंने खुशियाँ ढूँढी हैं दूसरों को ख़ुशी देकर।"

    यह सब सुन कर वह अमीर स्त्री नयना देवी भाव विभोर हो, रोने लगी। क्योंकि उसके पास वह सब था, जो वह पैसे से खरीद सकती थी,लेकिन अब उसने वह चीज खो दी थी,जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती। नयना देवी का जीवन अब बदलने लगा,अब वह किसी भी तरह से दुखी नही रहती।

  प्रिय पाठक गण क्या आप जानते हैं कि हमारा जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हम कितने खुश हैं, 

"अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी वजह से कितने लोग खुश हैं।"

 तो आईये आज मन को एक कर संकल्प को साधते हैं,"वह संकल्प का आरम्भ इन पँक्ति से होगा कि आज हम भी किसी न किसी की खुशी का कारण बनेंगे।"

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आइये मुस्कुराइए, इस गहरे राज को अपनाइए
कुछ प्रयोग जीवन मे करते रहना चाहिए 

1)" सुंदर मुस्कान "

अगर आप एक अध्यापक हैं।
 और
जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो,
देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।

2) "मुस्कुराइए मरीज का आत्म विश्वास बढाइये "

यदि आपके जीवन का पेशा डाक्टरी का है।
तो आप निश्चित ही मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे,
मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।

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3) "मुस्कुराइए परिवार का हर सदस्यों को खुशियों से भरा पाइए"

अगर आप एक गृहणी हैं तो... 
मुस्कुराते हुए घर का हर काम कीजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।

4) " मुस्कुराइए खुशियों का माहौल बनाइये "

अगर आप घर के मुखिया हैं तो... 
मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे, 
पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।

5)" मुस्कुराइए अपने व्यवसाय को खुशियों से सजाइये "

अगर आप एक व्यवसायी हैं,और आप खुश होकर कंपनी में प्रवेश करते हैं तो देखिये, सारे कर्मचारियों के मन का तनाव कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा।

6) " मुस्कुराइए ग्राहक को अपना बनाइये "

अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा।

7)  " मुस्कुराइए अनजानो को भी मुफ़्त ने मुस्कान बांटिए "

कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।

8) "मुस्कुराइए क्योंकि मुस्कान से किये गए क्रोध से सुधार हो सकता है"

क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लग सकता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लग सकते हैं।

अंतिम रूप से देखा जाए जो सभी के जीवन के लिए बहुत बडी पँक्ति हो सकती है कि :-

क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं...
जब तक हम एक दूसरे को देख कर,समझ कर मुस्कुराते रहते है।
क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। 
एक पशु कभी भी मुस्कुरा नहीं सकता। 
इसलिए स्वयं भी मुस्कुराएं और औराें के चहरे पर भी मुस्कुराहट लाइये।

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2 टिप्पणियाँ

  1. बेहद प्रेरणादायक। बात दिल मे गहरे उत्तर गयी

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    1. मुझे खुशी है कि आपने सम्पूर्ण मनयोग से इस पोस्ट को पढ़ा,आभारी हूँ कि कीमती समय जो आपने दिया।

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