प्यासे जीवन में रस भरने | importance of festival in life

राधा अय्यर स्वरचित अहमदाबाद, गुजरात की प्रस्तूति

प्यासे जीवन में रस भरने | importance of festival in life
वारिश की बौछारों ने फिर, 
पर्वों का अमृत बरसाया।
प्यासे जीवन में रस भरने, 
सावन आया सावन आया।

प्यासे जीवन में रस भरने | importance of festival in life भावकीशक्ति madhuri bajpai


संकष्टी गण गणनायक से, 
शुरू हुई पर्वों की धारा।
मात शीतला सप्तम लाई, 
शीतलता का मौसम प्यारा।
मंगल गौरी व्रत से मिलता,
शिव जी का अनुपम साया।
प्यासे जीवन में रस भरने, 
सावन आया सावन आया।


काल अष्टमी बम बम भोले,
भैरव बाबा की जय करते।
एकादश और व्रत प्रदोष से,
विष्णुजी पापों को हरते।
श्रावण शिवरात्रि करने से
हो जाती है पावन काया।
प्यासे जीवन में रस भरने,
सावन आया सावन आया।


बहू बेटियों का सिंजारा,
व्रत हरियाली तीज मनाते।
रंग बिरंगे कंगन, कपड़े,
ससुराल से भर भर आते।
हाथ हिना से खूब सजाकर,
भर देती सृष्टि में माया।
प्यासे जीवन में रस भरने,
सावन आया सावन आया।


नागपंचमी नाग और नागिन,
बीन की धुन में मोहित डोले।
शुक्ल, पुत्रदा एकादश व्रत, 
मनवांछित वर का घट खोले।
ओणम में खेतों ने खुद को,
नव धानों से खूब सजाया।
प्यासे जीवन में रस भरने,
सावन आया सावन आया।


पूनम के रक्षाबंधन को,
कैसे भूलें भाई बहना।
बस छोटी सी डोर बन गई,
पावन प्रीत का सुंदर गहना।
रिश्तों के प्यारे बंधन ने,
रक्षा पर विश्वास दिलाया।
प्यासे जीवन में रस भरने,
सावन आया सावन आया।


एक पर्व जो सबका प्यारा,
वो है भारत की आज़ादी।
जगह जगह झंडा फहराकर,
याद करें बापू और खादी।
भारत माँ के वीर सुतों ने,
देश की खातिर प्राण गँवाया।
प्यासे जीवन में रस भरने, 
सावन आया सावन आया।।

नोट :- अगर आपको यह कविता पसंद आयी है तो इसे शेयर करना ना भूलें और मुझसे जुड़ने के लिए आप मेरे Whatsup group में join हो और मेंरे Facebook page को like  जरूर करें।आप हमसे Free Email Subscribe के द्वारा भी जुड़ सकते हैं। अब आप  instagram में भी  follow कर सकते हैं ।

कविता पढ़ने के बाद अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करायें। नीचे कमेंट जरूर कीजिये, आपका विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण है।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ